Baby Care Tips in Hindi | नवजात शिशु की देखभाल किस तरह करनी चाहिए? जानें कुछ जरूरी सावधानियां!

baby care tips in hindi

पहली बार माँ बनने वाली महिला को (Baby Care Tips in Hindi) की जानकारी जरूरी होती है मां बनने पर नवजात शिशु की देखभाल के लिए जरूरी बेबी केयर टिप्स इन हिंदी की जानकारी लेनी चाहिए !  क्योंकि पहली बार महिला जब बच्चे को जन्म देती हैं तब उसे बेबी केयर का कोई अनुभव नहीं रहता है नवजात शिशु की देखभाल करना बहुत सावधानी भरा काम होता है जो पहली बार मां बनती हैं. बेबी हेल्थ केयर टिप्स की जानकारी हर मां को होनी चाहिए.नवजात की देखभाल के लिए उसके साफ-सफाई और पोषण पर ध्यान देना चाहिए है.आज हम यहां पर बच्चे की देखभाल के लिए जरूरी बेबी केयर टिप्स बता रहे हैं.

Newborn Baby Winter Care:

सर्दी में बड़ों की त्वचा ड्राई,हो जाती है तो न्यू बॉर्न बेबी (Newborn Baby Winter Care) का क्या हाल होता होगा. बच्चों की त्वचा तो नाजुक होती हैं, सॉफ्ट और सेंसेटिव होती है. ठंड के मौसम में बच्चों की देखभाल करना बहुत मुश्किल होता है इस मौसम में वायरस और हानिकारक बैक्टीरिया काफी तेजी से बढ़ते हैं क्युकी बच्चों की इम्यूनिटी कमजोर होती है, ऐसे में लापरवाही बरतने पर शिशु की सेहत ख़राब हो सकती है. आइये जानते हैं सर्दियों में शिशु की देखभाल के लिए कौन-कौन सी बातों का ध्यान रखना पड़ता हैं !

सर्दियों में शिशु की देखभाल के टिप्स

1. अगर आप चाहते हैं की सर्दियों में आपका बच्चा भी स्वस्थ रहे हंसता -खेलता रहे तो आपको उसके शरीर के तापमान पर खास ध्यान रखना होगा! नवजात शिशु को ठंड में हाइपोथर्मिया होने का खतरा बढ़ जाता है. जिसे शरीर का टेम्परेचर कम हो जाता है इसके लिए जरूरी है कि आप शिशु को गर्म कपड़े पहनाकर हमेसा रखें. उसके पैर हाथ,और सिर को ढककर रखें !

2 .अपनी और शिशु की साफ-सफाई का ध्यान रखें

आप बच्चे के लिए संपर्क बिंदु होने वाले हैं। इसलिए,यह ज़रूरी है कि आप अपना साफ सफाई का ध्यान रखें और । बच्चे को जब गोद में लेना हो उसे पहले आपको अपने हाथ को अच्छे से धो लेना चाहिए और सैनिटाइज़र का इस्तेमाल करना चाहिए ।

3. मॉइश्चराइज़र का इस्तेमाल कैसे करें

बच्चे की त्वचा अत्यधिक संवेदनशील होती हैं और सर्दियों का मुश्किल मौसम इसे शुष्क बना देता है। आपको ऐसे स्किन मॉइश्चराइज़र का इस्तेमाल करना चाहिए जो बच्चों की त्वचा के लिए बना रहता हैं ।

4. नवजात शिशु को कैसे सुलाना चाहिए

बच्चा एक बार में इतनी नींद नहीं लेते हैं। वह एक से ३ घंटे की ही नींद एक बार में लेते हैं। और शिशु को हर तीन से चार घंटे में दूध पिलाने की जरूरत पड़ती है। बच्चे को माँ का दूध जल्दी पच जाता है। और वह रात में एक साथ लंबी नींद नहीं लेता है। बच्चे को गोद में अच्छी और जल्दी नींद आती है। ऐसे में मां को बच्चे को गोद में लेकर ही सुलाना चाहिए। और बच्चे को एक समय पर ही सुलाने की आदत डालें।

5 .बच्चे को डॉक्टर के पास ले जाने में देर न करें

अगर आपको लगता है बच्चे में कुछ अलग तरह के लक्षण दिखाई दे रहे हैं, तो बिना देर किये डॉक्टर के पास लेकर जाएं.बुखार के लक्षण दिखे तो तुरंत डॉक्टर को दिखाए और बिना डॉक्टर के परामर्श के कोई भी दवा न दें. बाल रोग विशेषज्ञ से बच्चे के हेल्थ के बारे में जरूरी जानकारी भी जान लें.

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6 कभी भी बच्चे को अकेला न छोड़े

शिशु रोग विशेषज्ञ ये मानते हैं कि 3 महीने तक बच्चों को कभी भी अकेला न छोड़े ! नवजात शिशु को 3 महीने तक नजर के सामने रखना चाहिये !

new born baby care tips hindi:नवजात शिशु की देखभाल कैसे करे :   

  baby care tips in hindi

> नवजात शिशु को हर 1-2 घंटे में दूध पिलाना चाहिए !
> शिशु का कमरा प्रदूषण रहित होना चाहिए !
> जन्म के एक घंटे के अंदर ही मां का दूध पिलाएं.
> शिशु को थोडा सा भी फ़ीवर लगे तो तुरंत चिकित्सक को दिखाएं.
> नवजात शिशु को हर 1-2 घंटे में दूध पिलाना चाहिए !
> दूध पिलाने के बाद शिशु को डकार जरूर दिलाएं चाहिए !
> शिशु की मालिश के लिए नारियल या बादाम, के तेल का इस्तेमाल ही करें.
> शिशु की मालिश जन्म के पांच सप्ताह बाद ही शुरू करना चाहिए !
> नियमित रूप से टीका करवाना चहिये !
> शिशु की नाभि को सूखा और साफ़ रखें.रखना चाहिए !
> शिशु को सर्दी से बचा कर रखे !
> शिशु को छूने से पहले अपने हाथ को अच्छे से धोएं.!
> शिशु के कपड़े और बिस्तर कभी गीला नही रहना चाहिए !

नवजात शिशु में सर्दी-जुकाम के लक्षण

छोटे बच्चे अपनी परेशानी किसे को बता नहीं पाते, इसलिए उनके लक्षणों पर ध्यान देना चाहिए है ताकि आप सही समय बच्चे की परेशानी को समझ सके और उसका उपचार कर सके ।

1.नाक का बंद होना: ठंड के कारण बच्चों की नाक बंद हो जाती है,इससे उन्हें सांस लेने में परेशानी होती है।

2. नवजात शिशु को छींक आना: अगर बच्चा बार-बार छींक रहा है, तो यह सर्दी का लक्षण हो सकता है।

3. बच्चे को खांसी : बच्चो को अगर बार बार हल्की खांसी आ रही तो ये सर्दी का लक्षण हो सकता है।

4. बच्चो में चिड़चिड़ापन : सर्दी-जुकाम के कारण अगर बच्चा आराम से नहीं सो पाता, इससे उसका स्वभाव चिड़चिड़ा हो सकता है।

 Causes of Cough and Cold in Newborn in Hindi: नवजात शिशु में सर्दी-जुकाम के कारण 

बच्चों को सर्दी-जुकाम होने के कई कारण होते हैं। बच्चों की रोग-प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होती है वे आसानी से वायरस के संपर्क में आ सकते हैं। इसके मुख्य कारण शामिल हो सकते हैं:

o, मौसम में बदलाव आना : बच्चों का शरीर तापमान में बदलाव को नहीं संभाल पाता, इसलिए सर्दी उन्हें ठंड लगने का खतरा बहुत बढ़ जाता है।

o, दूसरे व्यक्ति का संक्रमित होना : घर में किसी को भी सर्दी-जुकाम है, तो बच्चे के संपर्क में आने से वह भी प्रभावित हो सकता है।

o, वायरल इंफेक्शन : बच्चे में सर्दी-जुकाम होने का मुख्य कारण होता है वायरस संक्रमण। जब कोई व्यक्ति शिशु के आस पास छींकता या खांसता है, तो वायरस शिशु में प्रवेश कर लेता है।

 Home Remedies For Cold and Cough in Newborn in Hindi:नवजात शिशु में सर्दी और खांसी के इलाज के लिए घरेलू उपाय 

चलिए जानते हैं आप अपने शिशु की देखभाल में किन बातों का ध्यान रखें और सर्दी-जुकाम से उसे राहत के लिए कौन से घरेलू [नवजात शिशु को जुकाम के घरेलू उपाय] उपाय कारगर हो सकते हैं।

१ . बच्चो के खाने पर ध्यान दें: जब बच्चा सर्दी-जुकाम से परेशान होता है, तो वह दूध नहीं पीता लेकिन यह जरूरी है कि उसे हाइड्रेटेड रखा जाए। नवजात शिशु का पोषण मां के दूध पर निर्भर करता है। बच्चा अगर मां का दूध पी रहा है, तो उसे ज्यादा दूध पिलाने का प्रयास करें। मां के दूध में प्राकृतिक एंटीबॉडीज होते हैं जो बच्चे को बीमारी से लड़ने में मदद करते हैं। बच्चे को ज्यादा समस्या आ रही तो डॉक्टर के पास ले जाए ।

२ .बच्चे की त्वचा का ध्यान रखें : सर्दीयो में बच्चों की त्वचा सूख जाती है,जब हवा में नमी की कमी होती हैं । बच्चे की त्वचा को मॉइश्चराइज रखे !

३ . बच्चे को ठंडी हवा से बचाएं : ठंडी के दौरान बच्चे को बर्फीली हवा से दूर रखें। यदि आप पंखा या एयर कंडीशनर चलाती हैं, तो सुनिश्चित करें कि उसकी दिशा बच्चे की ओर न रहे ।ठंडी हवा लगने से शिशु के सर्दी-जुकाम और बढ़ सकता है।

४ .बच्चों के टीकाकरण का ध्यान रखें : ठंडी के दौरान शिशु को संक्रमण से बचाने के लिए टीकाकरण की बहुत महत्वपूर्ण भूमिका है। नवजातों का टीकाकरण सुनिश्चित करें ताकि प्रतिरोधक क्षमता बेहतर बनी रहे। डॉक्टर से सलाह लें और बच्चे का समय पर टीकाकरण कराएं।

When to Consult a Doctor: डॉक्टर से सलाह कब लेना चाहिए ?

सर्दी जुकाम कभी किसी गंभीर संक्रमण का संकेत हो सकता है। आपके नवजात शिशु की यदि घरेलू उपचार (cough in newborn home remedies) से अगर तबीयत ठीक नहीं लग रही है, और बच्चो को सर्दी-जुकाम में निम्नलिखित लक्षण नजर आ रहे , तो अपने डॉक्टर से संपर्क करें:

1, बच्चे को बुखार अगर 100°F से अधिक है

2, बच्चे को सांस लेने में कठिनाई हो : यदि बच्चे को सांस लेने में कठिनाई हो रही है, तो आपको डॉक्टर के पास जाना चाहिए!

3, बच्चे को लंबे समय तक खांसी आना :बच्चे की खांसी अगर ज्यादा दिनों तक जारी रहती है, तो यह फेफड़ों में संक्रमण का संकेत है।

 

 

निष्कर्ष:

नवजात शिशु के लिए सर्दी-जुकाम सामान्य बात हो सकती है, लेकिन इलाज करते समय सावधानी बरतने की जरूरत है। पहली प्राथमिकता बच्चे की सुरक्षा और सेहत दें, और गंभीर लक्षण के दिखने पर डॉक्टर से तुरंत सलाह लें। उसे आराम देना बच्चे की देखभाल और अच्छे डॉक्टर से परामर्श लेना चाहिए ! ताकि वह जल्दी ठीक हो सके । अगर आपके बच्चे को जुकाम हो गया है और आप चिंतित हैं, तो अपने नजदीकी सर्वश्रेष्ठ बाल रोग विशेषज्ञ से परामर्श लें और बच्चे की देखभाल के लिए सही दिशा-निर्देश प्राप्त करें।

 

 

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