आजकल के समय में, डिप्रेशन एक गंभीर समस्या बन चुकी है, इससे लाखों लोग प्रभावित हो रहे हैं। मानसिक बीमारी व्यक्ति को उसके अस्तित्व की कमी महसूस कराती है और उनको निराश और उदास बना देती है। इस ब्लॉग में, डिप्रेशन के लक्षण इलाज के बारे में हम विस्तार से बात करेंगे, जिसे इस समस्या का आपको संकेत मिलते ही आप सही समय पर उपचार कर सकें।[Depression Symptoms In Hindi]डिप्रेशन की समस्या किसी को भी अपनी चमेट में ले सकती है।
Depression Ke Symptoms In Hindi-डिप्रेशन से ग्रसित लोग छिपाते हैं ये 5 बातें
भारत में हर १० में से २ व्यक्ति अपने जीवनकाल में कभी न कभी डिप्रेशन का सामना करता है? यह एक दुर्भाग्यपूर्ण सच्चाई है। आसान भाषा में कहे तोह तो डिप्रेशन एक जेल की कोठरी होती है, जिससे बाहर निकलने की चाभी भी आपके पास ही मिलेगी। इस स्वास्थ्य स्थिति के कई कारण है जैसे की – नौकरी में निराशा, अपनों की कमी, रिश्तों में तनाव, का कारण बनती हैं !मुस्कुराहट के पीछे उदासी को छिपाना
मुस्कुराहट के पीछे उदासी को छिपाना
डिप्रेशन के मरीज कुछ समय के बाद इस कमी से लड़ने की कोशिश करते हैं।जब वह दूसरों को यह बताने का कोशिस करते हैं कि उनको कितना अच्छा महसूस हो रहा हैं। जिसे किसे को उनकी इस उदासी पन का पता न चल पाए !
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जो व्यक्ति डिप्रेशन से पीड़ित होता वह अपनी भावनाओं को शब्दों के जरिये व्यक्त नहीं कर पता हैं । अकेलपन भी उन्हीं भावनाओं में से एक है। डिप्रेशन से ग्रसित व्यक्ति को ऐसा लगता है, कि उसकी भावनाओ को दूसरा कोई नहीं समझ सकता हैं
चीजों से भागने की कोशिश करना करते
इस समस्या में व्यक्ति हमेसा परेशानी का सामना करने के बजाय उससे भागना उचित समझता है। उसके लिए भी किसी भी हार्ड कंडिशन का सामना करना बहुत मुश्किल हो जाता है।
अपने इमोशंस को छिपाना
अगर आप बाहरी रूप से अपने इमोशंस को छिपाने की कोशिश करते हैं,अगर तो यह भी हाई फंक्शनिंग डिप्रेशन का कारण बन सकता है।
व्यक्ति को फोकस करने में परेशानी होना
डिप्रेशन में व्यक्ति को हर काम में फोकस करने में परेशानी का सामना करना पढता । ऐसे में किसी भी चीज पर ध्यान लगा पाना उनके लिए काफी मुश्किल हो जाता है।
डिप्रेशन से बाहर निकलने का उपाय
डिप्रेशन से छुटकारा पाने के लिए व्यक्ति को कुछ बातों का विशेष ध्यान होता हैं जैसे जीवनशैली और आहार में बदलाव करना होगा ।
आहार
1 , चुकंदर में पोषक तत्व होते हैं जैसे फोलेट, यूराडाइन विटामिन्स जिससे शरीर स्वस्थ रहता है। चुकंदर हमारे दिमाग में न्यूरोट्रांसमीटर की तरह कार्य करता है
2, डिप्रेशन के दौरान प्रयास करें कि जंक फूड से दूरी बनाएं रखे । और अगर आपको खाने की क्रेविंग हो भी रही है, तोह घर का बना हुआ भोजन खाएं।
3, चीनी और नमक का सेवन बहुत कम करें, क्योंकि इससे शारीरिक में समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं।
4, बासी भोजन स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होता यह तोह सबको पता होता है और यह डिप्रेशन की स्थिति को उत्पन्न करता है। इसलिए बासी भोजन कभी नहीं खाना चाहिए !
5, हरे पत्तेदार सब्जियां और मौसमी फल का अधिक से अधिक सेवन करना चाहिए ।
6, सलाद के रूप में टमाटर और चकुंदर खाना लाभकारी साबित होगा। टमाटर में लाइकोपीन एक पदार्थ होता है, जो कि एक एंटीऑक्सीडेंट है। यह हमारे शरीर को डिप्रेशन से लड़ने की ताकत को बड़ा देता है।
जीवनशैली
डिप्रेशन में व्यक्ति को उचित खानपान के साथ अच्छी जीवन शैली को अपना ज्यादा आवश्यक हो जाता है। निम्न तरीकों से अवसाद से बचा जा सकता है –
१, यदि किसी और कारण से डिप्रेशन की समस्या बन रही तो ऐसे कारणों से दूर रहना चाहिए ।
२, व्यायाम योग को अपने जीवनशैली में शामिल करना चाहिए । इससे हार्मोनल असंतुलन की समस्या को ठीक किया जा सकता है।
३, कोशिश करें कि शोर शराबे वाले जगह से दूर रहें ऐसी जगह रहना चाहिए जहां शांति मिले। इससे सकारात्मकता मिलती है।
४, खुद को सक्रिय रखें। प्रयास करें कि सामाजिक गतिविधियों में आप ज्यादा लिप्त रहें।
५,अपने परिवार और करीबी दोस्तों के साथ समय बिताना चाहिए ।
डिप्रेशन के लक्षण
पहले अवसाद के लक्षण जानते क्या होता हैं। डिप्रेशन अलग-अलग लक्षण उत्पन्न करता है,
> भूख न लगना थकावट महसूस होना डिप्रेशन का लक्षण हो सकता हैं
> असामान्य हरकत का होना
> किसी भी काम में मन न लगना
> ऊर्जा में कमी या थकान
> नींद में समस्या
> लगातार उदास रहना डिप्रेशन का लक्षण हो सकता हैं
> अपराध बोध या अत्यधिक हीन भावनाएं उत्पन्न होना
> ध्यान केंद्रित करने या निर्णय लेने में कठिनाई होना
१ (Sadness and Depression) उदासी और अवसाद; डिप्रेशन का लक्षण है उदासी और अवसाद की भावना। डिप्रेशन वाले व्यक्ति का मन हमेशा उदास
और शांत रहता है वह अपने जीवन में खुशी को महसूस नहीं कर पाता । वह हमेसा अकेलापन का सामना करते हैं!
२ ( Lack of sleep) नींद की कमी – डिप्रेशन के लक्षणों में से एक लक्षण यह भी हो सकता है की आपको नींद ही न आये या फिर बहुत ज्यादा नींद आती हो।
३ ( losing interest in life )जीवन में रुचियां खो देना – डिप्रेशन के कारण व्यक्ति जीवन में रुचियां खो सकते हैं जो आपको पहले पसंद था । उसमे रूचि और उत्साह कम होने लगता है आपको वो गतिविधियों में रुचि रखना चाहिए जो आपको ख़ुशी देती थी।
४ ( neglecting health)स्वास्थ्य पर ध्यान ना देना – डिप्रेशन के दौरान, आप अपने स्वास्थ्य को लेकर लापरवाही हो सकते हैं। डिप्रेशन व्यक्ति आहार, व्यायाम, और योग पर ध्यान नहीं देता है। इसका परिणाम हो सकता है।
५ .( lack of enthusiasm ) उत्साह की कमी – डिप्रेशन से प्रभावित व्यक्ति अक्सर अपने जीवन से हार जाता हैं और उन्हें ये लगने लगता है कि उनके जीवन का कोई महत्वपूर्ण मकसद नहीं रह गया है।
डिप्रेशन के शुरुआती लक्षण क्या होते हैं?
बिना किसी वजह का खालीपन,अप्रसन्नता,निराशा महसूस करना
>सामान्य गतिविधियों में दिलचस्पी नहीं होना
>चिड़चिड़ापन,या हताशा महसूस करना
>छोटी-छोटी बातों पर गुस्सा करना
> हमेसा चिंतित रहना बेचैन,या नेगेटिव महसूस करना
>नींद की कमी या बहुत ज़्यादा सोना
>ध्यान केंद्रित करने में यही परेशानी हो
>आसान काम भी बहुत भारी लगना और धैर्य खत्म हो जाना
डिप्रेशन का इलाज कितने महीने तक चलता है
यह कई कारकों पर निर्भर करता है डॉक्टर की सलाह.लक्षणों की गंभीरता
यह आम तौर पर, डिप्रेशन की दवाएं 1 से 2 साल तक ली जाती हैं. लेकिन,कुछ मामलों में हफ़्तों या महीनो तक दवा की ज़रूरत हो सकती है. अगर आप अच्छा महसूस करने लगते हैं तो डॉक्टर आपको कम से कम 6 महीने तक दवा लेनी की सलाह देता हैं ऐसा इसलिए किया जाता है ताकि डिप्रेशन दोबारा न हो सके।
डिप्रेशन की दवा बंद करने का तरीका
पहले डॉक्टर से सलाह लें लेना चाहिए।
दवा की खुराक धीरे-धीरे कम करना चाहिए।
दवा बंद करने से पहले यह जरूर देख ले कि लक्षण दोबारा तो नहीं आ रहा।
आप दवा अचानक बंद कर देते हैं,अगर तो आपके लक्षण वापस आने की संभावना बढ़ जाती है.