Chest Pain in Hindi – सीने में दर्द

#Chest Pain in Hindi

Chest pain in hindi : सीने में दर्द

Chest pain in hindi :छाती में दर्द या उसके आस-पास के क्षेत्रों में बेचैनी होती है। छाती में दर्द थोड़े समय के लिए महीनों तक रह सकता है। छाती में दर्द जैसे कि हाथ, गर्दन, जबड़े शरीर के ऊपरी हिस्सों में फैलता है। दर्द अलग-अलग तरह से होता है इसलिए अलग-अलग स्थितियों के आधार पर छाती में दर्द हो सकते हैं। किसी भी तरह के छाती में दर्द होने पर व्यक्ति को डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए ! और अगर लंबे समय तक इलाज न किया जाए तो कुछ छाती में दर्द जानलेवा होता है। छाती में दर्द के कई कारण होते हैं जैसे चोट,फ्रैक्चर,दिल की समस्या संबंधी फेफड़ों की समस्या हैं। यहाँ छाती में दर्द के कुछ सबसे आम कारणों की सूची दी गई है।

फिजिकल ट्रीटमेंट: डॉक्टर इसमें व्यायाम करने और स्ट्रेचिंग का सुझाव देते हैं, जिसकी मदद से सीने में दर्द की समस्या से भी आराम मिलता है।

मेडिटेशन: अनुलोम-विलोम करना चाहिए और ज़रूरत पड़ने पर मेडिटेशन करें। इससे मदद ज़रूर मिलेगी।

जीवनशैली  में बदलाव: जीवनसीने में दर्द को ट्रिगर वाले खाद्य पदार्थों से परहेज करे ,एक समय में भोजन की मात्रा को सीमित रखे !

चिकित्सा: एक अच्छे डॉक्टर से मिलें इस स्थिति के कारण की पहचान कर इलाज कराएं !

छाती में जमा कफ़ से राहत पाने के लिए ये घरेलू उपाय :

मौसम बदलते के कारण ही आप सर्दी-जुकाम की वजह से छाती में जमने वाले कफ से बेहाल हो जाते हैं तो आपको ये घरेलू उपाय राहत देने में आपकी बहुत मदद कर सकते हैं। इसके के बारे में आइए जानते हैं

छाती में जमा कफ़ से राहत पाने के लिए ये घरेलू उपाय अपना सकते हैं:

1, तुलसी और अदरक की चाय या काढ़ा पिएं

2, गर्म पानी में पुदीने के तेल की 2-४ बूंद डालकर भाप लेना चाहिए !

3, गर्म पानी में नमक डालकर गरारे करना चाहिए !

4, तुलसी और अदरक की चाय या काढ़ा पिएं इसे बहुत राहत मिलती हैं

छाती में कफ जमने के कारण :

> एलर्जी: धूल के कण, पालतू जानवरों की रूसी, या फफूंदी के कारण एलर्जी हो सकती है, जो चेस्ट कंजेशन का मुख्य कारण हो सकता है। अस्थमा के रोगियों में यह समस्या अधिक आम है।

> सांस से संबंधित संक्रमण: छाती में जमाव के कारण वायरल या बैक्टीरियल श्वसन संक्रमण होते है, जैसे कि सामान्य सर्दी, फ्लू, ब्रोंकाइटिस निमोनिया।

> संबंधी : पर्यावरणीय प्रदूषकों,सिगरेट के धुएं,या रसायनों के संपर्क में आने से श्वसन प्रणाली में जलन होती है।

> पर्यावरण संबंधी परेशानियां: पर्यावरणीय प्रदूषकों,सिगरेट के धुएं,या रसायनों के संपर्क में आने से श्वसन प्रणाली में जलन होती है।

फेफड़ों में जमा कफ कैसे निकाले :

निम्न तरीकों की मदद से छाती में जमा कफ निकल सकता है !

 > सोते समय सिर ऊंचा रखें: ऐसा करने से कफ छाती में जमा होने से रोकता है।

> तरल पदार्थ पीएं: गर्म चाय पीने से कफ पतला होता है और खांसी के जरिए बाहर निकलता है।

> छाती की मालिश: सीने पर हल्का मसाज करने से कफ ढीला होता है और खांसी के जरिए बाहर निकलता है।

छाती में कफ जमने के लक्षण :

छाती में कफ जमने के साथ कुछ और लक्षण भी होते हैं, जो इस स्थिति की गंभीरता को दर्शाते हैं!सीने में बेचैनी:

सीने में जकड़न और बेचैनी की भावना आम है,!

>गले में खराश: छाती में जमाव के कारण नाक से पानी टपकना,गले में खराश का सामना करना पड़ सकता है।

> खांसी: खांसी आना छाती में जमाव का एक प्रमुख लक्षण होता है,क्यों कि शरीर वायुमार्ग से बलगम को साफ करने का प्रयास करती है।

छाती या इसके आस-पास के क्षेत्रों में होने वाली बेचैनी होता है. और यह दर्द थोड़े समय के लिए होता है. सीने में दर्द के कई कारण होता हैं, जैसे :

पाचन तंत्र की समस्याएं

फेफड़े की विकृति

निमोनिया

एंजाइना पेक्टोरिस

टीबी

सीने में दर्द के साथ इन लक्षणों का भी अनुभव होता है खांसी, सांस लेने में कठिनाई होती हैं
अगर कठिनाई महसूस होती आपको तो हमेशा डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए! डॉक्टर आपके लक्षणों का मूल्यांकन करके सही निदान और उपचार करते हैं. किसी भी तरीके का सीने में दर्द के लिए खुद से इलाज न करें और बिना डॉक्टर से पूछे पेन किलर का सेवन न नहीं करना चाहिए !

हृदय की समस्याएं क्यों होती हैं ?

हृदय की समस्या सीने में दर्द का मुख्य कारण बनती हैं। यहां आपको कुछ हृदय समस्याएं दी जा रही है

हाइपरट्रॉफिक कार्डियोमायोपैथी
पेरिकार्डिटिस
मायोकार्डियल इन्फ्रक्शन (दिल का दौरा)
माइट्रल वाल्व प्रोलैप्स
कोरोनरी आर्टरी डाई-सेक्शन
कोरोनरी हार्ट डिजीज, या सीएडी

फेफड़ों की समस्याएं :

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फेफडों की समस्याएं सीने में दर्द का मुख्य कारण बनती हैं। कुछ समस्याएं दी गई है, जिससे व्यक्ति को सीने में दर्द होने पर सामना करना पड़ता है!

दमा

निमोनिया और फेफड़े में फोड़ा होना !

न्यूमोथोरैक्स

प्लूरेटिस फेफड़ों में या छाती की परत में सूजन और जलन होना ।

सीने में दर्द का उपचार kaise kare :

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छाती में दर्द का उपचार इसके कारण पर निर्भर करता है। यदि दिल का दौरा पड़ने से आपको सीने में दर्द महसूस हो रहा है, तो आपको तुरंत चिकित्सा सहायता लेनी चाहिए । दवा और शरीर में रक्त प्रवाह को फिर से बहाल करने के लिए कुछ प्रक्रियाएं शामिल है। इसके लिए निम्न सुझाव दिए जा रहे हैं

इलाज की प्रक्रिया:  ब्लॉक नसों को खोलने और हृदय में रक्त प्रवाह फिर से बहाल करने के लिए एंजियोप्लास्टी या स्टेंटिंग जैसी प्रक्रियाएं की जा सकती है। और गंभीर मामलों में कोरोनरी धमनी बाईपास सर्जरी का सुझाव भी देते है।

दवाएं:  सीने में दर्द के लिए डॉक्टर आपको टैबलेट लेने का सुझाव भी देते हैं। सीने में दर्द हृदय संबंधित स्थिति के कारण होते है,जैसे एनजाइना या दिल के दौरे, तो लक्षणों को कम करने, रक्त प्रवाह में सुधार करने और आगे की रोकथाम के लिए एस्पिरिन, बीटा-ब्लॉकर्स, दवाओं का सुझाव डॉक्टर देते है। इसके अतिरिक्त एसिड कम करने के लिए एंटासिड दवाएं भी दी जाती है।

सांस लेने में सीने में दर्द ?

सांस लेने में सीने में दर्द का कारण अस्थमा हो सकता है। अस्थमा के कारण ही फेफड़ों में सूजन आती है, जिससे सांस लेने में कठिनाई आती है और रोगी को दर्द का सामना भी करना पड़ सकता है।

1 छाती में संक्रमण

2 पल्मोनरी एम्बोलिज्म

हार्ट अटैक के लक्षण कितने दिन पहले दिखाई देता हैं!

हार्ट अटैक के लक्षण अचानक ही दिखाई देते हैं। कुछ मामलों में लक्षण हफ्तों या महीनों पहले भी दिखने लगते हैं।

हार्ट अटैक आने के बाद क्या करे !

हार्ट अटैक आने के बाद आपको 108 पर कॉल करें या किसी नजदीकी अस्पताल में एडमिट कराये जाएं और हृदय रोग विशेषज्ञ से संपर्क करना चाहिए । हार्ट अटैक के इलाज में देरी होने से दिल की कोशिकाओं को स्थायी क्षति हो सकती है कुछ मामलों में जान का खतरा भी रहता है।

 

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